• खुशियों का राज़

    खुशियों का राज़: Story which will blow up your mind

    • 2020-08-12 05:39:37
    • Puplic by : Admin
    • Written by : Unknown
    एक बार 50 लोगों का ग्रुप एक मीटिंग में हिस्सा ले रहा था, मीटिंग शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते थे। Speaker अचानक ही रुका और सभी Participants को गुब्बारे देते हुए बोला आप सभी को इस गुब्बारे पर अपना नाम लिखना है,
    Speaker के कहने पर सभी ने ऐसा ही किया, नाम लिखे हुए गुब्बारो को एक दूसरे कमरे में रखवा दिया गया।
    Speaker ने अब सभी को एक साथ उस कमरे में जाकर 5 मिनट के अंदर अपने नाम वाला गुब्बारा ढूँढने के लिए बोला-सारे Participants तेज़ी से अंदर घुसे और पागलों की तरह आपने नाम वाला गुब्बारा ढूंढने लगे।
    पर इस अफरा-तफरी में कोई भी अपने नाम का गुब्बारा नहीं ढूंढ पा रहा था। 5 मिनट बाद सभी को बाहर बुला लिया गया।
    Speaker-अरे क्या हुआ आप सभी खाली हाँथ क्यो हैं क्या किसी को अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिला?
    Participants- नहीं…..हमने बहुत ढूंढा हर बार किसी और के नाम का ही गुब्बारा हाँथ आया।
    Speaker-कोई बात नहीं आप लोग फिर से एक बार कमरे में जाये, पर इस बार जिससे जो भी गुब्बारा मिले, उससे अपने हाँथ में लेकर उस वियक्ति का नाम पुकारें, जिसका नाम उसपर लिखा हुआ है।
    एक बार फिर सभी Participants कमरे में बहुत शान्त तरीक़े से गए। कमरे में किसी तरह की अफरा-तफ़री नहीं मची हुई थी। सभी ने एक-दूसरे को उनके नाम के गुब्बारे दिए! और 3 मिनट में ही बाहिर आ गए।
    अब Speaker ने गंभीर होते हुए बोला- बिल्कुल यही चीज़ हमारी ज़िन्दगी में भी हो रही हैं। हर कोई अपने लिए जी रहा हैं। हमें इस बात से कोई मतलब नहीं के हम किस तरह औरो के लिए मदद कर सकते है।
    हम तो बस पागलों की तरह बस अपनी ही खुशिया ढूंढ रहे हैं। और बहुत ढूंढने के बाद भी कुछ नहीं मिलता हमारी ख़ुसी दुसरो में ही छुपी हुई हैं।
    Moral Of This Story
    जब हम औरो को खुशियां देना सीख जाएँगे तो अपने-आप ही हमें हमारी खुशियां मिल जायेगी।

आप व्हाट्सएप आदि पर स्टोरी शेयर करते हैं । वँहा कम लोगों तक ही आपकी बात पँहुच पाती है या मैसेज की भीड़ में लोग उसको पढ़ते भी नहीं हैं लेकिन अगर आप हमें स्टोरी भेजते हैं तो उसको हम आपके नाम के साथ पब्लिश करते हैं । भेजिये स्टोरी और जीतिए शानदार इनाम

Add Story

Leave a Comment





Category