•  सौ ऊँट

    सौ ऊँट: Story in Hindi that will motivate you

    • 2020-08-06 05:39:11
    • Puplic by : Admin
    • Written by : Unknown
    राजस्थान के एक गाँव में रहने वाला एक व्यक्ति हमेशा किसी ना किसी समस्या से परेशान रहता था और इस कारण अपने जीवन से बहुत दु:खी था.
    एक दिन उसे कहीं से जानकारी प्राप्त हुई कि एक पीर बाबा अपने काफ़िले के साथ उसके गाँव में पधारे है. उसने तय किया कि वह पीर बाबा से मिलेगा और अपने जीवन की समस्याओं के समाधान का उपाय पूछेगा.
    शाम को वह उस स्थान पर पहुँचा, जहाँ पीर बाबा रुके हुए थे. कुछ समय प्रतीक्षा करने के उपरांत उसे पीर बाबा से मिलने का अवसर प्राप्त हो गया. वह उन्हें प्रणाम कर बोला, “बाबा! मैं अपने जीवन में एक के बाद एक आ रही समस्याओं से बहुत परेशान हूँ. एक से छुटकारा मिलता नहीं कि दूसरी सामने खड़ी हो जाती है. घर की समस्या, काम की समस्या, स्वास्थ्य की समस्या और जाने कितनी ही समस्यायें. ऐसा लगता है कि मेरा पूरा जीवन समस्याओं से घिरा हुआ है. कृपा करके कुछ ऐसा उपाय बतायें कि मेरे जीवन की सारी समस्यायें खत्म हो जाये और मैं शांतिपूर्ण और ख़ुशहाल जीवन जी सकूं.”
    उसकी पूरी बात सुनने के बाद पीर बाबा मुस्कुराये और बोले, “बेटा! मैं तुम्हारी समस्या समझ गया हूँ. उन्हें हल करने के उपाय मैं तुम्हें कल बताऊंगा. इस बीच तुम मेरा एक छोटा सा काम कर दो.”
    व्यक्ति तैयार हो गया.
    पीर बाबा बोले, “बेटा, मेरे काफ़िले में १०० ऊँट है. मैं चाहता हूँ कि आज रात तुम उनकी रखवाली करो. जब सभी १०० ऊँट बैठ जायें, तब तुम सो जाना.”
    यह कहकर पीर बाबा अपने तंबू में सोने चले गए. व्यक्ति ऊँटों की देखभाल करने चला गया.
    अगली सुबह पीर बाबा ने उसे बुलाकर पूछा, “बेटा! तुम्हें रात को नींद तो अच्छी आई ना?”
    “कहाँ बाबा? पूरी रात मैं एक पल के लिए भी सो न सका. मैंने बहुत प्रयास किया कि सभी ऊँट एक साथ बैठ जायें, ताकि मैं चैन से सो सकूं. किंतु मेरा प्रयास सफल न हो सका. कुछ ऊँट तो स्वतः बैठ गए. कुछ मेरे बहुत प्रयास करने पर भी नहीं बैठे. कुछ बैठ भी गए, तो दूसरे उठ खड़े हुए. इस तरह पूरी रात बीत गई.” व्यक्ति ने उत्तर दिया.
    पीर बाबा मुस्कुराये और बोले, “यदि मैं गलत नहीं हूँ, तो तुम्हारे साथ कल रात यह हुआ?
    1. कई ऊँट ख़ुद-ब-ख़ुद बैठ गए.
    2. कईयों को तुमने अपने प्रयासों से बैठाया.
    3. कई तुम्हारे बहुत प्रयासों के बाद भी नहीं बैठे. बाद में तुमने देखा कि वे उनमें से कुछ अपने आप ही बैठ गए.”
    “बिल्कुल ऐसा ही हुआ बाबा.” व्यक्ति तत्परता से बोला.
    तब पीर बाबा ने उसे समझाते हुए कहा, “क्या तुम समझ पाए कि जीवन की समस्यायें इसी तरह है :
    1. कुछ समस्यायें अपने आप ही हल हो जाती हैं.
    2. कुछ प्रयास करने के बाद हल होती है.
    3. कुछ प्रयास करने के बाद भी हल नहीं होती. उन समस्याओं को समय पर छोड़ दो. सही समय आने पर वे अपने आप ही हल हो जायेंगी.
    कल रात तुमें अनुभव किया होगा कि चाहे तुम कितना भी प्रयास क्यों न कर लो? तुम एक साथ सारे ऊँटों को नहीं बैठा सकते. तुम एक को बैठाते हो, तो दूसरा खड़ा हो जाता है. दूसरे को बैठाते हो, तो तीसरा खड़ा हो जाता है. जीवन की समस्यायें इन ऊँटों की तरह ही हैं. एक समस्या हल होती नहीं कि दूसरी खड़ी हो जाती है. समस्यायें जीवन का हिस्सा है और हमेशा रहेंगी. कभी ये कम हैं, तो कभी ज्यादा. बदलाव तुम्हें स्वयं में लाना है और हर समय इनमें उलझे रहने के स्थान पर इन्हें एक तरफ़ रखकर जीवन में आगे बढ़ना है.
    व्यक्ति को पीर बाबा की बात समझ में आ गई और उसने निश्चय किया कि आगे से वह कभी अपनी समस्याओं को खुद पर हावी होने नहीं देगा. चाहे सुख हो या दुःख जीवन में आगे बढ़ता चला जायेगा. 

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